पारा से रमेश चौहान की रिपोर्ट - देव झरी -एक तरफ हरिजन समाज के लिए एवं ऐसे पिछड़ी जातियों के लिए नियम कानून बनते जा रहे हैं लेकिन आज भी पुरानी पद्धति के लोग आज भी भेदभाव कर रहे हैं ऐसा ही मामला झाबुआ जिले में आभी भी छुआछूत खत्म नहीं हुआ है ऐसा ही मामला आज देवझरी तीर्थ स्थल पर देखने को मिला कुछ हरिजन समाज के लोग देव झरी तीर्थ स्थल कि कुड में स्नान कर रहे थे तभी अचानक मंदिर कि पुजारन द्वारा गालियां (गाछे)( शामटे) कि दे अंदर से बाहर निकलने जब एक आदिवासी ने उन पूजारन से पूछा कि आप की जाति क्या है तब जाकर मामला शांत हुआ मैं उन पुजारन एवं भेदभाव करने वालों से एक ही सवाल पूछता हूं कि जब भगवान ने इंसान बनाने में कोई भेदभाव नहीं किया तो आप और हम क्यों भेदभाव कर रहे हैं एवं हमारे देश के विकास में हरिजन समाज का भी योगदान है
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